वर्तमान काल में समग्र स्वास्थ्य की समस्या (एक विवेचनात्मक अध्ययन)
Keywords:
हठयोग, उपनिषद, भारतीय मनोविज्ञान, Health ScienceAbstract
स्वास्थ्य और सुख मानव का जन्म सिद्व अधिकार है किन्तु आधुनिक समय म े व्यक्ति के जीवन की भाग-दौड मंे लगंे रहने
से मानव ने प्रकृति के अनुसार आहार-विहार, वस्त्र धारण, विश्राम, दिनचर्या और रात्रिचर्या इत्यादि प्राकृतिक नियमो की
अवहेलना की जिससे व्यक्ति की रोग-प्रतिराध्े ाक क्षमता मंे कमी हाने े से व्यक्ति रोग्रस्त होता जा रहा है। वर्तमान काल मंे
मनुष्य अनगिनत शारीरिक और मानसिक समस्याआं े से घिरा हअु ा है। यह सभी समस्यायंे मनुष्य ने स्वय ं के लिए स्वय ं
उत्पन्न कि है इसका वह स्वय ं दाष्े ाी है। मनुष्य न े अति धन कमाने की लालसा मंे अंधाधुन दौड लगाई, एक दूसरे से
प्रतिस्पर्धा की, वर्चस्व की भावना रखी, स्वय ं को श्रेष्ठ दिखाने के लिए क्षल-कपट भी किया, अपनी संस्कृति की अवहले ना
की, अध्यात्म की अवहेलना कर विज्ञान के पीछे अस्वाभिक रूप से दौडा व कल-कारखाना े का अति निमार्ण कर वातावरण
व पर्यावरण को क्षती पहुॅचाई। इन कारणां े से व्यक्ति का शारीरिक, मानसिक, सामाजिक, नैि तक और आध्यात्मिकता स्वास्थ्य
में विकार आ रहे हैे। जिससे समग्र स्वास्थ्य प्राप्त करना उसके लिए एक समस्या बन गया। प्रस्तुत शोध पत्र पर इस पर
विस्तार से चर्चा कर इसके निवाएण देखगं।े
DOI: 10.5281/zenodo.10445063
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