मधुमेह टाईप-2 के रोगियों की फासिटंग ब्लड शुगर पर यौगिक मुद्राओ एवं होम्योपैथी मदर टिंचर के प्रभाव का अध्ययन
Keywords:
योगमुद्राएं, होम्योपैथिक मदर टिंचर्स, मधुमेह, प्रबंधन, ब्लडशुगर, चयापचय, इन्सुलिन, रक्तपरीक्षण, आहार, कोशिकाएAbstract
प्रस्तुत शोध प्रबंध वर्तमान भौतिकवादी परिदृश्य में भयाभय मधुमेह टाईप-2 की समस्याओं का विश्लेषण यदि सूक्षमता से
किया जाए तो यह देखा जा रहा है कि वर्तमान में बढ़ते हुए तनाव, अतिमहत्वाकांक्षा, अनियंत्रित जीवनशैली, खानपान की
गलत आदते, व्यायाम की कमी आदि के कारण होंने वाली चयापचय संबंधी विकृति के कारण सबसे अधिक मधुमेह रोगी
आज हमारे देश में पाये जाते है। आज पूरे विश्व का चिकित्सा जगत मधुमेह रोगियों के तेजी से बढ़ते हुए बिस्फोटक
आंकडो को देखकर चिंतित है। विश्व जनसंख्या की लगभग 25 प्रतिशत आवादी मेटाबालिक सिंड्रोम से पीड़ित है तथा
विश्व में मधुमेह मृत्यु का एक मुख्य कारण है।
डब्ल्यू.एच.ओ. के अनुसार विश्व में लगभग 442 करोड़ मधुमेह रोगी है। डब्ल्यू.एच.ओ. ग्लोबल रिर्पोट ऑफ डायबिटीज
2016 के अनुसार यह संख्या वर्ष 2030 में दोगुनी हो जायेगी। सन् 2000 में भारत में मधुमेह से पीड़ित लोगो की संख्या
भारत में 3 करोड़ 17 लाख थी जो वर्ष 2030 में लगभग 8 करोड़ (80 मिलियन) से अधिक हो जायेगी ओर भारत विश्व
में मधुमेह की राजधानी बन जायेगा जो बहुत ही चिंता का विषय प्रतिवर्ष मधुमेह के कारण हजारो लोगो की असमय ही
मौत हो जाती है प्रस्तुत शोध पत्र में मधुमेह के प्रबंधन हेतु योगिक मुद्राओं ओर होम्योपैथी मदर टिंचर्स के प्रभाव के
तुलनात्मक अध्ययन को सुझाया गया है जिससे मधुमेह जैसे रोगो से छुटकारा प्राप्त कर स्वस्थ जीवन लाभ प्राप्त हो
सकें।
DOI : 10.5281/zenodo.8151582
Similarity/Plagiarism: 7%
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